यूं तो देखी है और भी खूबसूरत चीजें हमने
गांव की ढलती शाम सी किसी में बात कहा
ये बादल का नजारा कितना प्यारा लग रहा हैं।
ऐसा लग रहा हैं जैसे सब नीचे से जा रहा हैं।
जिसे शहर वाले एडवेंचर कहते हैं।
वो तो हमारे गांव की रोजमर्रा की जिंदगी हैं।
गांव के ऐसे हरे भरे कच्चे रास्तों पर चलकर,
एक अलग ही सुकून और शांति मिलती है
बरसात के मौसम में कभी गांव भी घूम लो।
कच्चे मकानों की खुशबू भी निराली होती हैं।
ऐसे सुहाने मौसम का आनंद,
सिर्फ गांव वाले ही अच्छे ढंग से उठते है।
हरियाली काफी है गांव की सुंदरता बढ़ने के लिए
गांव की सर जमी पर फिर बरसात हो गई।
दिन में ही रातों वाली बात हो गई।
किसान के चेहरे पर फिर मुस्कान खिल गई।
गांव में अब धान की बुआई की शुरुआत हो गई।
पेड़ों की छांव में मचान पर,
बैठने का आनन्द ही कुछ खास होता है।
ये नजारा आपको सिर्फ गांवों में मिलेंगे।
गांव के इन्हीं रास्तों पर हमारा बचपन बीता है।
जिम्मेदारियों ने गांव से दूर सबसे जुदा कर दिया
सच में गांव से सुंदर कोई जगह नहीं है।
ऐसी हरियाली देखकर मन करता है।
बस इसे ही देखते रहे,