निगाहों से तुम्हारे दिल का एक पैगाम लिख दूँ!
मोहब्बत वफा का खुशनुमा अंजाम लिख दूँ!
मेरे लबों पर तुम गजल बन के चले आओ!
सातों जन्म दिल की धड़कने तुम्हारे नाम लिख दूँ!
पलकों पे अपनी बिठाया है आपको!
दूआओं के बाद पाया हैं आपको!
आसानी से नहीं मिले आप हमें!
खुदा को खास ऑर्डर कर मंगाया हैं आपको!
तेरे चाहत की ख्वाहिश...,
बस इस तरह बरकरार रहें!
हजारों बार मर कर भी...,
बस तेरा ही इंतज़ार रहें!
हो चेहरे पे फिदा तो इसमे क्या खास है!
दिल पे फिदा हो तो कोई बात है
कहाँ हैं फासला,दूर कहा हैं हम!
रोज एक ही चाँद तो देखते हैं,हम दोनो!
एक नजर की बेकरारी हो तुम!
एक नजर का सुकून हो तुम!
तुम क्या जानो हमारे...,
प्यार की गहराई को...,
हम साथ होते हैं, तो वफा करते हैं!
और जब दूर होते हैं तो दूआ करते हैं!
तड़प रही हैं जो कब से...,
उन धड़कनो की अवाज हो तुम!
सुकून नहीं हैं कहीं जैसे...,
मेरी रूह की प्यास हो तुम!
मुदतो बाद आज...,
उसने पूछा, कहाँ रहते हो!
हमने मुस्कुराकर कहा,
तुम्हारी तलाश में!
तुझको इन नींद की...,
तरसी हुई आँखो की कसम...,
अपनी रातों को मेरे ख्यालों में...,
बर्बाद न कर!